नई दिल्ली, 23 दिसंबर: सोशल मीडिया प्रभावित करने वालों पर लगाम कसने के लिए सरकार जल्द ही उन पर 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगा सकती है, जो प्रॉक्सी ब्रांड प्रमोशन या अपने फॉलोअर्स को इसके बारे में बताए बिना प्रचार का भुगतान करते हैं।
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों के मुताबिक, उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय 24 दिसंबर को सोशल मीडिया प्रभावित करने वालों के लिए दिशा-निर्देश लेकर आ रहा है, जिसके तहत अगर वे किसी विशेष उत्पाद या ब्रांड का प्रचार करते हैं तो उन्हें डिस्क्लेमर लगाकर अपने फॉलोअर्स के सामने इसका खुलासा करना होगा। ऐसा करने के लिए उन्हें ऐसे किसी भी प्लेटफॉर्म पर उनके वीडियो या पोस्ट के माध्यम से भुगतान किया गया है।
इन दिशानिर्देशों के जारी होने के बाद, यदि ऐसे प्रभावित करने वाले अपने अनुयायियों को यह बताने में विफल रहते हैं कि वे अपने प्लेटफार्मों के माध्यम से प्रॉक्सी पेड प्रमोशन में शामिल हैं, तो उनके खिलाफ केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) में शिकायत की जा सकती है और जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके द्वारा उन पर 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
सूत्रों ने कहा कि अक्सर सोशल मीडिया प्रभावित करने वाले अपने वीडियो और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर टिप्पणियों के माध्यम से प्रॉक्सी पेड प्रमोशन में शामिल होते हैं और अप्रत्यक्ष रूप से अपने अनुयायियों को अपने विचारों के माध्यम से किसी विशेष उत्पाद का उपयोग करने या उपभोग करने के लिए प्रभावित करते हैं।
अभी तक सोशल मीडिया प्रभावितों द्वारा इस तरह के छद्म प्रचार को रोकने के लिए कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं, इसलिए अब सरकार इस प्रथा को रोकने के लिए नियम लेकर आई है।
सूत्रों ने कहा कि ये दिशानिर्देश वित्तीय प्रभावित करने वालों पर भी लागू होंगे।
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