G 20: Not ‘India’, now ‘Bharat’ is the name of our country

 

G 20: ‘इंडिया’ नहीं, अब ‘भारत’ हो गया है, हमारे देश का नाम। G20 का समूह बन चूका है, भारत। G20 का संस्थापक, हिस्सा, निर्माण और रोजगार …….

आज के दिन, 9 और 10 सितंबर २०२३ को भारत में जी-20 की बैठक हो रही है। 2023 में इस सम्मेलन का आयोजन भारत कर रहा है। भारत के लिए ये बहुत बड़ा अवसर है। आज हम ऐसे आधुनिक यंत्र जी-20, कौन सा देश? नेतृत्वा और भाग का कार्य…..

G 20: 18वीं समिति आज 9 और 10 सितंबर को हो चुकी है। वर्तमान, समय भारत में पहली बार जी-20 की बैठक होने जा रही है। इसके लिए काफी ज़ोर-शोर से अलग-अलग और कानून और नियम लागु हो रहे हैं। व्याख्यात्मक दृष्टिकोण से, ग्लोबल इकोनॉमी में करीब 82 फीसदी से ज्यादा का प्रतिनिधित्व करने वाले जी-20 की तरफ से भारत के लिए एक बड़ा अवसर है। G-20 किस देश में, क्या कार्य करते है,

G 20 को ग्रुप ऑफ ट्वेंटी कहा जाता है, इस समूह के 21देश सदस्य हैं, समूह का 20वां सदस्य यूरोपीय संघ है। जी-20 समित का आयोजन साल में एक बार होता है, हालांकि 2007 से शुरू होकर और 2015 के साल में जी-20 समित का आयोजन दो-दो बार हुआ था। ग्रुप ऑफ ट्वेंटी सम्मेलन में समूह के सदसम्यदेश के सतीअध्यक्ष को कहा जाता है और कुछ देशों को भी कहा जाता है। इसके बाद सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष मठ कई विद्वानों पर चर्चा करते हैं। भारत की अधोमान्यक्षता 2023, में वर्ष जी-20 सम्मेलन दिल्ली,नए संसद भवन में हो रही है।

G 20 को सबसे बड़ा वैश्विक संगठन कहा जाता है। इस महान संगठन के सदस्यों की सूचि में भारत के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, तुर्की, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, रूस, मैक्सिको, जापान, इटली, इंडोनेशिया, फ्रांस, चीन, कनाडा, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, और 20 यूरोपीय देशों के सदस्य, संघ शामिल है, जी-20 की नामांकित वेबसाइट के अनुसार वैश्विक व्यापार में भी यह संगठन 80 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है और करीब दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधि सिद्धांत रखता है।

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कैसे विकास हुआ ये संगठन

अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, इटली, फ्रांस, जापान और ब्रिटेन देश G-7 समूह का एक समूह था। इसी ग्रुप का विस्तार जी-20 को माना जाता है। वर्ष 1999 में इस समूह में रूस भी शामिल हुआ और 1999 में जी-8 देशों की बैठक में एशिया की आर्थिक स्थितियों पर चर्चा की गयी। इस चर्चा में 20 बड़ी अर्थवत्ता विचारधारा वाले देशों के साथ आमे की बात कही गई और उसी साल बर्लिन में एक बैठक का आयोजन हुआ जिसमें जी-20 की बात शामिल हुई। 2005 में विश्व सहयोग आर्थिक एवं वित्तीय संकट के बाद जी-20 फोरम को राष्ट्रप्रमुखों के स्तर का बनाया गया। ग्रुप का पहला शिखर सम्मेलन 2008 वाशिंगटन डीसी में हुआ था। इसके बाद इसके घटकों को हर साल इसकी बैठक में शामिल किया गया।

प्रत्येक वर्ष अलग-अलग देश अधम्याक्षता करते हैं

जी-20 की बैठक में हर साल अलग-अलग देशों की अध्‍यक्षता होती है। पिछले साल ये बैठक इंडोनेशिया में हुई थी. उसके बाद इंडोनेशिया ने भारत को इस अर्ध्यक्षता को दिया। इस साल भारत इस ग्रुप की एसोसिएशन कर रही है। इसके बाद वो ब्राज़ीलियाई को ये जिम्मामा रिक्वाइनेगा और अगले साल ये बैठक ब्राज़ील में आयोजित की जाएगी।

G:20 का मूल कार्य

जी-20 का मूल सिद्धांत आर्थिक सहयोग और वित्तीय स्थिरता का है, लेकिन इसमें समय के साथ व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सस्टेनबल विकास, स्वास्थ्य, कृषि और उपकरण निहित विकास भी शामिल किया गया है। इसमें दो समानुपातिक शेरपा ट्रैक की चर्चा है, पहला डायनासोर और दूसरा शेरपा ट्रैक। शेरपा ट्रैक्स में बातचीत का काम वित्त मंत्री का पद संभालते हैं और शेरपा ट्रैक्स में शेरपा यानी वह व्यक्ति हैं जिन्हें सरकार शेरपा के तौर पर नियुक्त करती है। दुनिया की मशहूर हस्तियों में 85 प्रतिशत हिस्सा जी-20 देशों का है। वहीं दुनिया के व्यापार में 76 फीसदी की हिस्सेदारी भी दोस्तों की है, ऐसे में यूसुफ की बैठक को काफी अहम माना जाता है। इनका काम सभी देशों के बीच सहयोग बनाना और नेगोशिएट करना होता है।

कई वैशिष्ट्य और सहयोगियों को निमन्त्रिक किया गया है….

G 20 की बैठक में 20वें सदस्‍य देश के अलावा सदस्‍य देशों को भी आमंत्रित किया गया है। भारत ने इस साल 11 देशों को आमंत्रित किया है। ये देश हैं- बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड्स, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और पुर्तगाल। इसके अलावा यूनाइटेड नेशन्स, इंटरनेशनल मोनेटरी फंड्स, वर्ल्ड बैंक, वर्ल्ड हेल्थ ऑरगेन एंजाइज, वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेन माइनेंजी जैसे ऑर्गनाइजेशन जी-20 में नियमित रूप से आमंत्रित किए जाते हैं।

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