Sonam Wangchuk Age56, Height, Family, Net Worth, Biography in hindi
दरअसल आपको बता दूं कि सोनम वांगचुक का नाम आप लोग जरुर सुने होंगे जी हां इनका जन्म 1 सितंबर 1966 को लद्दाख में हुआ था और इनका जिंदगी काफी दुख में रहा था शुरू से ही। कहावत कहा जाता है कि जिस काम में आप अगर मेहनत करोगे 1 दिन सफलता आपके कदम चूमेगी कुछ इसी तरह इनके साथ भी हुआ था काफी तकलीफ से इनका जिंदगी गुजरा था बचपन में लेकिन आज किसी मोहताज से कम नहीं है। दरअसल आपको बता दूं कि अमेरिका के एक महान वैज्ञानिक का मानना था कि आपको कभी भी इस बात पर संकोच नहीं करनी चाहिए कि एक छोटे से विचार या छोटा सा समूह इस दुनिया को नहीं बदल सकता है।
कुछ ऐसे हैं घटना सोनम वांगचुक के साथ हुआ था जी हां आपको बता दूं कि इनका जन्म लद्दाख में हुआ था और उस समय उनके परिवार में तीन ही लोग रहा करते थे। इनका पिता कांग्रेस पार्टी के राजनेता थे जो आगे चलकर कांग्रेस सरकार में मंत्री के पद पर कार्यरत रहे सबसे बड़ी बात यह थी कि इनके गांव में कोई भी विद्यालय नहीं था जिसकी वजह से लगभग 8 वर्षों तक इन्होंने पढ़ाई नहीं की।लेकिन इनके माताजी ने इनका शिक्षा घर पर ही करवाना शुरू करवाया, विद्यालय नहीं जा कर भी इन्होंने जो मुकाम हासिल किया है तो आज ऐसा लग रहा है कि बहुत अच्छा हुआ कि विद्यालय नहीं था हमारे लिए सौभाग्य की बात है।
जानकारी-Sonam Wangchuk
नाम | सोनम वांगचुक |
निक नेम | स्नो वारियर्स |
पेशा | भारत की अभियंता, नवाचारी और शिक्षा सुधारक |
पारसिद्धि | भारत की अभियंता, नवाचारी और शिक्षा सुधारक |
व्यक्तिगत जीवन-Sonam Wangchuk
जन्मदिन | 1 सितंबर 1966 |
आयु (2022) | 56 वर्ष |
जन्म स्थान | उले टोकपो, लद्दाख |
गृह नगर | लद्दाख |
नागरिकता | इंडियन |
धर्म | बौद्ध |
राशि | कुंभ |
भोजन की आदत | शाकाहारी |
स्कूल | विशेष केंद्रीय विद्यालय, दिल्ली |
विश्वविद्यालय | नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, श्रीनगर कार्टेर्रे स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर, ग्रेनोबल, फ्रांस |
शैक्षणिक योग्यता | बी टेक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग) मास्टर इन एरथेंन एंड आर्किटेक्चर |
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लुक और अधिक-Sonam Wangchuk
ऊंचाई | 5′ 2” (160 Cm) |
वज़न | 58 किलोग्राम |
फिगर | 32-30-34 |
बालों का रंग | काला |
आँखों का रंग | काला |
प्रेमिका/पत्नी-Sonam Wangchuk
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
प्रेमिका/पत्नी | ज्ञात नहीं (जल्द ही अपडेट होगा) |
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परिवार और अधिक-Sonam Wangchuk
पिता | सोनम वांगयाल |
माँ | त्सेरिंग वांग्मय |
भाई | ज्ञात नहीं (जल्द ही अपडेट होगा) |
बहन | ज्ञात नहीं (जल्द ही अपडेट होगा) |
पसंदीदा चीजें-Sonam Wangchuk
पसंदीदा खाना | घर का खाना |
पसंदीदा अभिनेता | शाहरुख खान |
पसंदीदा अभिनेत्री | हेमा मालिनी |
पसंदीदा रंग | काला, नीला |
पसंदीदा खेल | क्रिकेट |
पसंदीदा गायक | ज्ञात नहीं (जल्द ही अपडेट होगा) |
पसंदीदा खिलाड़ी | रोहित शर्मा |
पसंदीदा पोशाक | ज्ञात नहीं (जल्द ही अपडेट होगा) |
पसंदीदा गंतव्य | मुंबई |
शौक और धन कारक-Sonam Wangchuk
शौक | ज्ञात नहीं (जल्द ही अपडेट होगा) |
निवल मूल्य | $15 मिलियन |
सोशल मीडिया आईडी-Sonam Wangchuk
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सोनम वांगचुक का शुरुआती जीवन
दरअसल आपको बता दूं कि सोनम वांगचुक का जन्म लद्दाख के एक छोटे से गांव में 1 सितंबर 1966 ईस्वी को हुआ था उस समय इनका परिवार बहुत ही छोटा था परिवार में महज तीन ही लोग रह रहे थे।
इनके पिता जी कांग्रेस पार्टी के राजनेता थे और पिताजी आगे चलकर कांग्रेस सरकार में मंत्री के पद पर भी कार्यरत थे सब से बड़ा बात थी कि इनके गांव में विद्यालय नहीं था।
विश्वविद्यालय नहीं होने के कारण इनकी पढ़ाई-लिखाई में काफी समस्या हो रही थी लेकिन इनकी माता जी अपने दम पर घर पर ही इनका शिक्षा करवाना शुरू करवाया और आज इनको ऐसा महसूस हो रहा है कि विद्यालय नहीं होना ही बेहतर था।
जानिए किस तरह किए थे शिक्षा ग्रहण
दरअसल आपको बता दूं कि सोनम वांगचुक के चाचा एक मुस्लिम थे उन्होंने जगह-जगह घूमा करते थे इस दौरान शिक्षा के लिए सोनम वांगचुक को भी इन्होंने अलग-अलग गांव की स्कूल में तीन-तीन महीने के लिए भेजा करते थे।
इस तरह इनका मानसिक काफी तीव्र हो गया और काफी संघर्षशील व्यक्ति बन गए इस दौरान उन्होंने तीसरी कक्षा पास कर ली थी इन्होंने प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद दिल्ली के विशेष केंद्रीय विद्यालय में इंटरमीडिएट की पढ़ाई की।
तब से इनकार ऊंची फिजिक्स सब्जेक्ट की तरफ ज्यादा होने लगा और उन्होंने इंजीनियरिंग करने का मूड बनाया और श्रीनगर के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अपना एडमिशन करवाया।
इनके पिता का मन था कि बेटा कुछ भी लिंगरिंग करवाएं लेकिन इनका मन था नहीं मुझे मेकेनिकल इंजीनियरिंग ही बनना है इसलिए पिताजी ने इनको खर्चा देना बंद कर दिया तब इन्होंने फिर से घर छोड़ कर चले गए।
अपने पढ़ाई लिखाई को बरकरार रखने के लिए इन्होंने लद्दाख में एक कोचिंग सेंटर की शुरुआत की और वहां पर उन्होंने बच्चे को पढ़ाना शुरू किया और पैसे कमाने शुरू कर दिए।
शिक्षा में सुधार के लिए मिला था सम्मान
दरअसल आपको बता दूं कि इनको शिक्षा प्रणाली में जो भी कमियां दिख रही थी उसको इन्होंने महसूस किया और उसके सुधार करने के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया।
उन्होंने स्थानीय भाषाओं को बहुत ज्यादा बल दिया और उस भाषा को समझाना ज्यादा आसान कर दिया जिस भाषा में वह खुद बातचीत करता हो।
1966 ईस्वी में इन्होंने सरकारी स्कूल में सुधार लाने के लिए न्यू होप परियोजना को सरकार के तरफ से स्वीकार करने के लिए उत्तेजित किया ओरिया परियोजना सफल भी रहा।
एक ऐसा समय था जब लद्दाख के बोर्ड एग्जाम में 95% बच्चे फेल करते थे लेकिन उन्होंने जब से विद्यार्थी का समर्थन शुरू किया तब से 95 परसेंट विद्यार्थी पास करना शुरू कर दिए।
सोनम वांगचुक के द्वारा किया गया रोचक कार्य
स्टूडेंट एजुकेशन एंड कल्चर मोमेंट ऑफ लद्दाख के नाम से एनजीओ चलाना शुरू किया
शिक्षा में सुधार लाने के लिए न्यू होप मिशन का शुरूआत किया।
इन्होंने आइस स्तूप नाम का एक प्रोजेक्ट की शुरुआत की।
सेना की समस्या को देखते हुए इन्होंने सोलर मड हाउस की व्यवस्था की।
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